
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने की कोरोना से मौत पर 10 लाख मुआवजा देने की मांग
कोरोना महामारी के कारण हुई मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने मरने वालों के परिजनों को 10- 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साहित होकर कोविड पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार प्रभावित परिवारों को सहायता मुहैया कराने की अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है. उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को कमजोर करने के केंद्र के प्रयास को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की.
रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित परिवारों के साथ खड़े नहीं होकर एक बार फिर देश को निराश किया है. कांग्रेस नेता ने सरकार से आग्रह किया कि कोरोना मुआवजा कोष की स्थापना करके कोविड के कारण जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये की मदद दी जानी चाहिए. रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार लोगों की मदद करने से पीछे हट गई और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह पूरी तरह बेनकाब हो गई है.
इसके अलावा उन्होंने कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति दया और सम्मान नहीं दिखाने के लिए पीएम मोदी पर हमला बोला. रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए बुधवार को कहा, ‘यह पीएम मोदी की ओर से राष्ट्र प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका और जिम्मेदारी के साथ-साथ उनके अपमानजनक और जीवन की रक्षा करने में पूर्ण विफलता के बारे में गंभीर आत्मनिरीक्षण का आह्वान करता है.’ सुरजेवाला ने कहा कि हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को अपनी उदासीनता और नींद से उठकर मानव त्रासदी के प्रति जागना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पीएम मोदी राजधर्म का पालन करें और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकारण के मुखिया के तौर पर उनकी जिम्मेदारी है कि वह महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति सहानुभूति दिखाएं. इसके साथ ही सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसरण में पीएम मोदी से तुरंत ‘कोविड मुआवजा कोष’ की घोषणा करने को कहा. सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना वायरस पीड़ितों के परिवारों को 10 लाख रुपये की राहत प्रदान की जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र से संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने का भी अनुरोध किया.